Not known Details About success stories of famous personalities
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“मैंने आपको चोट पहुंचाने के बाद, आपने रेत में लिखा और अब, आप एक पत्थर पर लिखते हैं, क्यों?”
गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी द्वारा ऐसे शब्द कहें जाने की उम्मीद नहीं थी। और वह शिष्य अपने आप को ज्ञानवान अक्लमंद भी समझता था सो उसके अहम को बहुत ठेस पंहुचा।
वह व्यक्ति नाटक देखने के लिए वहीँ बैठ गया व देखते ही देखते वह राजमहल जाकर धन लाने की बात को भूल गया। जब नाटक समाप्त हुआ तब उसे धन वाली बात याद आयी और वह दौड़ते भागते राजमहल के पास पंहुचा अफसोस दिया हुआ समय निकल चूका था सूर्य अस्त हो चुकी थी।
एक नमक बेचने वाला हर दिन अपने गधे पर नमक की थैली को बाजार तक ले जाता था।
वह व्यक्ति रास्ते में कुछ ही दूर गया था कि उसे एक नट दिखा जो बड़ा ही सुन्दर अभिनय कर रहा था व्यक्ति ने सोंचा क्यों ना कुछ समय तक यह नाटक देख लिया जाये फिर राजमहल तो जाना ही है। और एक बार here भी वहां से हीरे जवाहरात ले आता हूँ फिर तो आराम ही आराम है।
हमें गाँधी जी के इस प्रसंग से यह सीख अवश्य लेनी चाहिए की हम कभी भी किसी के साथ छूआछूत नहीं करेंगे. ऐसा करने पर हम किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि मानवता का दिल दुखाते है जो बिलकुल भी उचित नहीं.
सच बोलने वाला सलाहकार – तेनालीराम की कहानी
क्या आप एक आलू, एक अंडा या एक कॉफी बीन हैं? ”
ठीक उसी तरह सफल होने के लिए मोह का त्याग करना आवश्यक होता है चाहे वह मोह आपके घर परिवार दोस्त यार आदि का हो चाहे आपके कम्फर्ट जोन का – आखिर में : रोज एक कदम सफलता की ओर।
जो आपको गाँधी जी के जीवन की गहराई और उनके जीवन सिद्धांतो से प्रेरणा देंगे.
गाँधी जी ने उनको बताया की अगर यह आम आदमी आपकी बराबरी का होता तो क्या आप तब भी इन्हें थप्पड़ मार देते.
पंचलोग बोले – भाई किस बात का विवाद हो रहा है।
एक प्रोफ़ेसर क्लास ले रहे थे. क्लास के सभी छात्र बड़ी ही रूचि से उनके लेक्चर को सुन रहे थे.
राई के दाने – भगवान बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी